Heart is something more than part of your body :
"और जाम टूटेंगे इस शराबखाने में
मौसमों के आने में, मौसमों के जाने
में।
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती है, दिल को दिल बनाने
में।"
(- बशीर 'बद्र")
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14.06.2014
There is nothing called immaculate :
"ज़िंदगी हम तेरे दागों से रहे शर्मिंदा
और तू है कि सदा आईना-खाने माँगें।"
(-अहमद फ़राज़)
शब्दार्थ : (1) आईना-खाने = आईनों का घर
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15.05.2014
Doers never look at difficulties :
15.05.2014
Doers never look at difficulties :
"करें क्या कि दिल भी तो मजबूर है
ज़मीं सख्त है, आसमाँ दूर है।
तमन्ना-ए-दिल के लिए जान दी
सलीका हमारा तो मशहूर है। "
(-'मीर')
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10.05.2014
If you want to maintain your love, keep weeping day and night :
संगीत प्रेम का छिड़ा था आंसुओं के तार पर
मुस्कुराये हम तो उनको बदगुमानी हो गयी।"
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Original sher is as follows:
"साज़े-उल्फ़त छिड़ रहा था आंसुओं के तार पर
मुस्कुराये हम तो उनको बदगुमानी हो गयी।"
(-शकील बदायूनी)
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27.04.2014
"ज़िंदगी नासाज़ है या ठीक है
27.04.2014
"ज़िंदगी नासाज़ है या ठीक है
आपकी मस्त अंखड़ियों की भीक है।
कौन कौसर तक मुफासत तय करे
मयकदा फ़िर्दौस से नजदीक है।"
(-'अदम')
शब्दार्थ: (1) नासाज़ = बीमार, (2) कौसर = स्वर्ग में शराब की नदी, (3) मुफ़सात =
फासला, (4) फ़िर्दौस = स्वर्ग
Don’t sacrifice present for the future:
"ज़िंदगी बीमार है या ठीक है
आपकी मस्त अंखड़ियों की भीख है।
आपकी मस्त अंखड़ियों की भीख है।
कौन स्वर्ग तक फासला तय करे
मधुशाला स्वर्ग से नजदीक है।"
(-'अदम' के शेर का सरलीकृत रूप) मधुशाला स्वर्ग से नजदीक है।"
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20.04.2014
Leaders are like infatuating nymphs :
20.04.2014
Leaders are like infatuating nymphs :
"तमाम शहर के मक़तल उसी के हाथों में
तमाम शहर उसी को दुआएं देता है।"
(-अहमद फ़राज़)
शब्दार्थ : (१) मक़तल = वध-स्थल, हत्या करने की जगह
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18.04.2014
The moment they get chair, they will laugh at your
foolishness that you have chosen them:
"जिसके चेहरे पे मेरी आँखें हैं
वो मुझे ताना कम-निगाही दे।
तेरी दोस्ती की शालीनता है गज़ब
जानेवालों को रास्ता ही दे।
Original sher is as follows:
जिसके चेहरे पे मेरी आँखें हैं
वो मुझे ताने-कम-निगाही दे।
यह भी एक शेवा-ए-रफ़ाक़त है
जानेवालों को रास्ता ही दे।"
(-अहमद फ़राज़)
शब्दार्थ: (1) ताने-कम-निगाही = कम दिखने का ताना, (2)
शेवा-ए-रफ़ाक़त = दोस्ती का ढंग
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18.04.2014
Give your 100% to your pursuit or just forget it :
''Thodi babut muhabbat se kaam nahi chalta ai dost
Ye wo mamla hai jisme ya sabkuch ya kuch bhi nahi.''
(-Firaq)
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Experimentalism persists till you find someone worthy to rely
upon :
"चलता हूँ थोड़ी दूर हर एक तेज रौ के साथ
पहचानता नहीं हूँ अभी राहबर को मैं।"
(-मिर्ज़ा ग़ालिब)
शब्दार्थ: (1) तेज रौ = तेज चलनेवाला चेहरा, (2) राहबर = पथ-प्रदर्शक
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You can do a lot even while you are falling :
"गिरते -गिरते दामन उनका थाम ले
गिरनेवाले लग्जिशों से काम ले।"
(-मैकश हैदराबादी)
शब्दार्थ: (1) लग्जिश = फिसलन
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